हमने देखा था शौक-ऐ-नजर की खातिर ये न सोचा था के तुम दिल मैं उतर जाओगे||
Tag: Pyari Shayari
उसने पूछा की
उसने पूछा की हमारी चाहत में मर सकते हो, हमने कहा की हम मर गए तो तुम्हें चाहेगा कौन|
न तो धन छुपता है
न तो धन छुपता है न मोहब्बत , जाहिर हो ही जाता है छुपाते – छुपाते
तुम्हारी नाराजगी बहुत
तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है… मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
रूक गया है
रूक गया है आसमां मेँ चाँद चलते चलते . . . . तुमको अब छत से उतरना चाहिए . . . .
ये हादसा तो
ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था|
हमारी मोहब्बत करने की
हमारी मोहब्बत करने की अदा कुछ और ही है , हम याद करते है उसको जिसने हमें दिल से निकाल रखा है…
रुह को शाद करें
रुह को शाद करें दिल को जो पुरनुर करें हर नझारे में ये तनवीर कहां होती है |
पूराना क़र्ज़ चुकाने में
पूराना क़र्ज़ चुकाने में ख़र्च कर डाली, तमाम उम्र कमाने में ख़र्च कर डाली। वो डोर जिससे हम आसमान छू सकते थे, पतंग उड़ाने में ख़र्च कर डाली।
सोचा ही नहीं था
सोचा ही नहीं था ज़िन्दगी में ऐसे भी फ़साने होंगे, रोना भी ज़रूरी होगा,आंसू भी छुपाने होंगे।