कागज पर गम को उतारने के अंदाज ना होते, मर ही गए होते अगर शायरी के अलफ़ाज़ ना होते।।
Tag: Pyari Shayari
इश्क तुझ से
इश्क तुझ से बुरा नहीं कोई, हर भले का बुरा किया है तूने।।
मुझसे हर बार
मुझसे हर बार नजरें चुरा लेता है वो मैंने कागज पर भी बना कर देखी है आँखें उसकी
तडप तो कुछ भी नहीं है
मेरी तडप तो कुछ भी नहीं है , सुना है उसके दीदार को तो आईने भी तरसते है ।
लगने दो आज महफ़िल
लगने दो आज महफ़िल, चलो आज शायरी की जुबां बहते हैं . तुम उठा लाओ “ग़ालिब” की किताब,हम अपना हाल-ए-दिल कहते हैं.|
लत एसी लगी है
लत एसी लगी है की तेरा नशा मुझसे छोड़ा नहीं जाता, अब तो हकीमों का कहना है की एक बूंद इश्क भी जानलेवा होगा !!
अजीब पहेलियां है
अजीब पहेलियां है हाथो की लकीरों में, सफर लिखा है मगर हमसफर नहीं लिखा !!
कांच के टुकड़े
कांच के टुकड़े बनकर बिखर गयी है ज़िन्दगी मेरी… किसी ने समेटा ही नहीं… हाथ ज़ख़्मी होने के डर से…
ना हमारी चाहत
ना हमारी चाहत इतनी सस्ती है ना ही नफरत, हम तो ख़ुदा के वो बंदे है जो बस दुआओं में ही मिलते है !!
तुम आओ और कभी दस्तक दो
तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर,..!! प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना…!!