तुम्हे खो के ही तो समझ में

तुम्हे खो के ही तो समझ में आया, क्या हमको पाना था जो ना पाया।।

कहाँ ढूँढ़ते हो

कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ -बेखबर, ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो।।

चले जाने दो

चले जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे, इतनी चाहत के बाद जो मेरा ना हुआ वो किसी ओर का क्या होगा।।

किस्मत की किताब

किस्मत की किताब क्या खूब लिखी रब ने, बस वो ही पन्ना नही मिला जिसमे तेरा जिक्र था।।

कई बार मन करता है

कई बार मन करता है कि रूठ जाऊँ तुम से, फिर इस ख्याल से रुक जाता हूँ कि तुम्हें तो मनाना भी नहीं आता।।

लिखते है सदा

लिखते है सदा उन्हीं के लिए, जिन्होंने हमे कभी पढ़ा ही नहीँ।।

कभी फूर्सत मिली

कभी फूर्सत मिली तो तेरी ज़ूल्फ भी सूलझाउंगा आज ऊलझा हूवा हूं हालात को सूलझाने मे

कितनी आसानी से

कितनी आसानी से तुम्हारा जाना हुआ, रोका भी नही रुके भी नही पूछा भी नही सुना भी नही।।

दिल में आया था

दिल में आया था कोई, जल्दी में था सो चला गया।।

नज़दीक आते जा रहे हो

बहुत नज़दीक आते जा रहे हो, बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।।

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