गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू। हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू। जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी, बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।
Tag: Pyari Shayari
मौसम का इशारा है
मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में…
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे नामों के साथ औहदे थे बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला।
वो अफसाना जिसे
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा……
कल बहस छिड़ी थी
कल बहस छिड़ी थी मयखाने में जाम कौन सा बेहतरीन है, हमने तेरे होंठों का ज़िक्र किया और बहस ख़त्म हो गयी…
मत किया कर
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी..!!जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे…!!
जमा कर खुद के पाँवों को
जमा कर खुद के पाँवों को चुनौती देनी पड़ती है कोई बैसाखियों के दम पे अंगद हो नहीं सकता ….
दहेज़ में तुम सिर्फ मेरे लिए
दहेज़ में तुम सिर्फ मेरे लिए अपनी मोहब्बत लाना हक़.ऐ महेर में तुमको हम अपनी जिंदगी देंगे
कौन कहता है
कौन कहता है दुआओ के लिए हाथो की जरुरत होती है कभी अपनी माँ की आँखों में झांक करके देखिये हुज़ूर
वो अनजान चला है
वो अनजान चला है, जन्नत को पाऩे के खातिर, बेखबर को इत्तला कर दो कि माँ-बाप घर पर ही है..