तेरा हाथ छूट जाने से

तेरा हाथ छूट जाने से डरता हूँ मैं दिल के टूट जाने से डरता हूँ|

तुमको दे दी है

तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैंने…. मांगने से ना मिलूं तो चुरा लो मुझको….

मुझे शायद सूरत देखकर

मुझे शायद सूरत देखकर ही प्यार करना था दिल देख के प्यार करने का नतीजा भुगत लिया मैने !!

आज यह दीवार

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी…. शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए…

समझदार हो गयी है

मोहब्बत अब समझदार हो गयी है, हैसियत देख कर आगे बढ़ती है….

नया कुछ भी नहीं

नया कुछ भी नहीं हमदम, वही आलम पुराना है; तुम्हीं को भुलाने की कोशिशें, तुम्हीं को याद आना है…

इतनी तो तेरी सूरत भी

इतनी तो तेरी सूरत भी नहीं देखी मैने, जितना तेरे इंतज़ार में घड़ी देखी है !!

दर्द की भी अपनी ही

दर्द की भी अपनी ही एक अदा है..वो भी सिर्फ सहने वालों पर ही फिदा है..

लहजा शिकायत का

लहजा शिकायत का था मगर…. सारी महफिल समझ गई “मामला मोहब्बत का है”

अच्छे थे तो किसी ने

अच्छे थे तो किसी ने हाल तक नहीं पूछा……!! बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चर्चे है….

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