भटकते रहे हैं बादल की तरह; सीने से लगालो आँचल की तरह; गम के रास्ते पर ना छोड़ना अकेले वरना टूट जाएँगे पायल की तरह।
Tag: Pyari Shayari
अक्सर ठहर कर
अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशांन को,!!! वो भी अधूरे लगते हैं तेरे साथ के बिना…!!!
शायद कुछ दिन
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
चाँदनी रातों में
चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह, मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह, गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ, मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह|
कोई सवाल करेगा
कोई सवाल करेगा तो क्या कहूँगा उसे,,बिछड़ने वाले, सबब तो बता जुदाई का
तेरी वफ़ा के खातिर
तेरी वफ़ा के खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगों ने.. इक तेरी कदर न होती तो तेरा शहर जला देते..
आदमी सुनता है
आदमी सुनता है मन भर , सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर,,” और खुद ग्रहण नही करता कण भर।
क्या हुनर है
क्या हुनर है तुझमे पगली….हमारे बेग से कोई पेन्सिल ना चुरा पाया और तूने सीने से दिल चुरा लिया..
तेरे जज्बे को
ए जिंदगी तेरे जज्बे को सलाम.. पता है मंज़िल मौत है फिर भी दौड़ रही है..
लाजमी नही है
लाजमी नही है की हर किसी को मौत ही छूकर निकले “” किसी किसी को छूकर जिंदगी भी निकल जाती है ||