इश्क़ नाजुक है बहुत अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता|
Tag: Pyari Shayari
नाउम्मीदी में बिखर जाओ
नाउम्मीदी में बिखर जाओ तो बटोर लो खुद को कि अँधेरी रात के हिस्से में भी एक चाँद होता है।
ये जान भी
ये जान भी निकलेगी थोड़ा इंतज़ार तो कर तेरे इश्क़ ने मारा है बचूँगा नहीं|
अब ये न पूछना की..
अब ये न पूछना की.. ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपनी सुनाता हूँ|
हम न समझे थे
हम न समझे थे बात इतनी सी , ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की…
फलसफा सीखना है
फलसफा सीखना है ज़िंदगी का उन परिंदों से, जो कूड़े में पड़ा गेंहू का दाना ढूंढ लेते हैं।।
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए.. साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!
मौसम को इशारों से
मौसम को इशारों से बुला क्यूँ नहीं लेते रूठा है अगर वो तो मना क्यूँ नहीं लेते दीवाना तुम्हारा है कोई ग़ैर नहीं है मचला भी तो सीने से लगा क्यूँ नहीं लेते ख़त लिख कर कभी और कभी ख़त को जलाकर तन्हाई को रंगीन बना क्यूँ नहीं लेते तुम जाग रहे हो, मुझे अच्छा… Continue reading मौसम को इशारों से
इस तरह मिली वो मुझे
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद, जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद, मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी, वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद|
थोड़ी सी वफ़ा चाहिए
रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं, बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए|