बहुत अहसान है

बहुत अहसान है हम पर तुम्हारे,एक और कर देते “होकर हमारे”|

ख़लिश और कशिश

ख़लिश और कशिश में ज़िन्दगी और मौत सा अंतर होता है ।

अपने एहसास से

अपने एहसास से छू कर मुझे चन्दन कर दो में सदियों से अधूरा हूँ , मुझे मुकम्मल कर दो|

मोहब्बत करने का हुनर

चल यारा..मोहब्बत करने का हुनर सिखाता हूँ.. इश्क तुम शुरू करो निभाकर मैं दिखाता हूँ…!!

बेखुदी बे सवब नहीं

बेखुदी बे सवब नहीं गालिब, कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है।।

मुझे भी सिखा दो

मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर.. मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते. .!

अब आ गये हैं

अब आ गये हैं आप तो आता नहीं है याद वर्ना कुछ हमको आपसे कहना ज़रूर था….!

सोचा बहुत इस बार

सोचा बहुत इस बार रोशनी नहीं धुआं दूंगा लेकिन चिराग था फितरत से, जलता रहा जलता रहा|

यह दिल जिद पे अड़ा है

यह दिल जिद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह या तो इसे सब कुछ चाईए या कुछ भी नहीं |

जाने किस किस को

जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर, के आओ सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें….

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