जिनके पास अपने है वो अपनों से झगड़ते हैं… नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते है।
Tag: Pyar Shayari
नींद तो आने को थी
नींद तो आने को थी पर दिल पुराने किस्से ले बैठा अब खुद को बे-वक़्त सुलाने में कुछ वक़्त लगेगा|
आओ एक बार
आओ एक बार साथ मुस्कुरा लें…. फिर ना जाने ज़िन्दगी कहाँ ले जाये …!!!
मेरी बेजुबां आँखों से
मेरी बेजुबां आँखों से गिरे हैं चंद कतरे… वो समझ सके तो आँसू ,ना समझ सके तो पानी|
मीठी सी तन्हाई है
जब से तुम्हारी नाम की मिसरी होंठ लगायी है मीठा सा ग़म है, और मीठी सी तन्हाई है|
पता नहीं होश में हूँ
पता नहीं होश में हूँ या बेहोश हूँ मैं, पर बहोत सोच समझकर खामोश हूँ मैं…
ना जाने क्यों
ना जाने क्यों अधूरी सी रह गई जिंदगी मेरी, लगता है जैसे खुद को किसी के पास भूल आया हूँ..
मेरी नज़र में
मेरी नज़र में तो सिर्फ तुम हो, कुछ और मुझको पता नहीं है तुम्हारी महेफिल से उठ रहा हूँ, मगर कहीं रास्ता नहीं है|
बहुत अन्दर तक
बहुत अन्दर तक तबाही मचाता है….. . . वो आंसू जो आँखों से ‘बह’ नहीं पाता है ….!!!
लड़ के थक चुकी हैं
लड़ के थक चुकी हैं जुल्फ़ें तेरी छूके उन्हें आराम दे दो, क़दम हवाओं के भी तेरे गेसुओं से उलझ कर लड़खड़ाने लगे हैं!