इतनी लम्बी उम्र

इतनी लम्बी उम्र कि दुआ मत मांग मेरे लिए कहीं ऐसा न हो के तू भी छोड़ दे और मौत भी न आये..

तेरे अलावा मुझे

तेरे अलावा मुझे सिर्फ नींद से ही प्यार था। कमबख्त तेरे साथ रहने से वो भी अब बेवफाओ में शामिल हो गई…

ना जाने क्या

ना जाने क्या कहा डूबने वाले ने समंदर से … लहरे आज भी किनारे पर सर पटक रही है …

अच्छा है जो

अच्छा है जो परिन्दों का कोई मज़हब नही वर्ना आसमान की भी सरहदें होती..

दिल गिरा होता

काश न्युटन के सर मे पेड के सेब की जगह किसी का टूटा हूआ दिल गिरा होता…… तो आज Physics की हर किताबो मे एक chapter इश्क का होता………..

दर्द से इतना हुआ

खाकसार’ नजात मिल न सकी शामे दर्द से इतना हुआ कि रस्मे दुआ आ गयी मुझे

तेरे इख्तियार में

तेरे इख्तियार में क्या नहीं, मुझे इस तरह से नवाज दे यूं दुआयें मेरी कूबूल हों, मेरे दिल में कोई दुआ ना हो

उस बूढ़े शजर से

इस बार जो इन्धन के लिये कट के गिरा है चिड़ियों को बड़ा प्यार था उस बूढ़े शजर से

सुकुन मिलता है

सुकुन मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार कर चीख भी लेता हूं और आवाज भी नही होती..

भूल नही पाओगे मुझे..

उस दिन ही दिल से उतरगयी थी वो,जिस दिन घमंड से बोली,”भूल नही पाओगे मुझे”..!!

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