सफ़र मैंने किया

क्या बताऊं कैसे ख़ुद को दर-ब-दर मैंने किया, उम्र भर किस-किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया ।

तू तो नफ़रत

तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा उस शिद्दत के साथ, जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया |

सलीका ही नहीं

सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है

इश्क़ नाज़ुक मिजाज़ है

इश्क़ नाज़ुक मिजाज़ है बे-हद, अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता. !!

जो निगाह आज

जो निगाह आज मुझे देख कर झुक गई,, यकिनन उसने मुझे कभी चाहा जरुर होगा|

मैं वक्त बन जाऊं

मैं वक्त बन जाऊं, तु बन जाना कोई लमहा। मैं तुझमे गुजर जाऊं , तु मुझमे गुजर जाना।।

दो अक्षर की

दो अक्षर की मौत और तीन अक्षर के जीवन में, ढाई अक्षर का दोस्त हमेंशा बाज़ी मार जाता हैं…..

मिट जाते है वो

मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले..! लाश कहा रोती है, रोते है जलाने वाले..!!!

Meri bhi nigaho

Meri bhi nigaho ka sunle abb sawal Poochte hai kab aayega Jhonka phir tere deedar ka

समझा दो अपनी

समझा दो अपनी यादो को, वो बिन बुलाए पास आया करती है, आप तो दूर रहकर सताते हो मगर, वो पास आकर रुलाया करती है…

Exit mobile version