नफरत के जंगल में

नफरत के जंगल में उसको लगे मोहब्बत की तलब, और वो प्यास के सेहरा में मांगे मुझे पानी की तरह…

टूटी फूटी कश्ती

टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था…. कल रात झांक के शायद मैंने अपने अंदर देखा था….

कभी चुप तो

कभी चुप तो कभी गुम सी हैं, ये बारिशें भी बिलकुल तुम सी हैं।

इश्क के अवशेष

इश्क के अवशेष कहूँ या धरोहर इसे, कुछ सुखे गुलाब निकले हैं किताब से….

उदास नहीं होना

उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ! सामने न सही पर आस-पास हूँ! पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे! मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!

तू ही मिल जाये

तू ही मिल जाये मुझे ये ही काफ़ी है; मेरी हर साँस ने बस यही दुआ माँगी है; जाने क्यों दिल खींचा जाता है तेरी तरफ़; क्या तुमने भी मुझे पाने की कोई दुआ माँगी है।

कोई कहता है

कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है! कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है! पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है|

वफा के बदले

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो; मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो; तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे; जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो।

मोहब्बत ऐसी थी

मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी! चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी! चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर! दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!

मुहब्बत का इम्तिहान

मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं! प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं! मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में! ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!

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