छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये, घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…
Tag: Mosam Shayri
मुझे तो पहले से ही
मुझे तो पहले से ही यकीन था तेरी फितरत पर,बस तेरा नज़रें फेर के जाते हुए देखना बाकी था|
मेरे घर के आईने बदल गया
मुझको मेरी शक्ल आज लग रही है अजनबी.. ना जाने कौन मेरे घर के आईने बदल गया…!!
वक़्त मेरा भी सही आयेगा
गलत निकलेगा तेरा अन्दाजा। वक़्त मेरा भी सही आयेगा ।।
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे। जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया।
मेरी माँ ने मुझे
सोच समझकर बर्बाद करना मुझे, बहुत प्यार से पाला है मेरी माँ ने मुझे !!
गलती करने की आदत
मेरी गलती करने की आदत नहीं फिर भी करता हूँ, क्योंकि अच्छा लगता है तेरा प्यार से समझाना..!
कल रात मौत आयी
कल रात मौत आयी थी गुस्से मेँ बोली “जान ले लुंगी तेरी.. ” मैने भी कह दिया: जिस्म ले जाओ, . “जान” तो “दोस्तों” के पास हैं..!!
जिद का नतीजा
न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा, समझता दिल भी नहीं मै भी नहीं और तुम भी नही.
कौन कहता है
कौन कहता है आईना झूठ नहीं बोलता… वह सिर्फ होठो की मुस्कान देखता है… दिल का दर्द नहीं…!!