तू लाख दुआ कर

तू लाख दुआ कर ले मुझसे दूर जाने की…. मेरी दुआ भी उसी खुदा से है तुझे करीब लाने की…..

कोरे कागज़ सी है..

तन्हाई ठीक कोरे कागज़ सी है.. ये मुझे तेरी तरह; ग़लत साबित नहीं करती|

एकांत को पिघला कर

एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ, इन्सान हूँ मुरझा कर भी मस्त रहता हूँ

तेरे चेहरे पे

तेरे चेहरे पे ये शिकन हमें मंजूर नही…. सुनों तुम खुश रहा करो मैं रहूँ न रहूँ|

ये एक ऐसी ख़्वाहिश

ये एक ऐसी ख़्वाहिश जो मिटती ही नही हौले से छुआ था कल रात तुझे ख्वाबों में जी भर के तुझे देख लिया इतने करीब थे तुम फिर भी नज़र है कि तुझसे हटती नही|

एक वक़्त पर

सुबह शाम एक एक वक़्त पर दिख जाया करो मेरी जान,डॉक्टर ने कहा है दवा वक़्त पर लेते रहना|

तेरी किताब के

तेरी किताब के हर्फ़े, समझ नहीं आते। ऐ ज़िन्दगी तेरे फ़लसफ़े, समझ नहीं आते।। कितने पन्नें हैं, किसको संभाल कर रखूँ। और कौन से फाड़ दूँ सफ़हे, समझ नहीं आते।। चौंकाया है ज़िन्दगी, यूँ हर मोड़ पर तुमने। बाक़ी कितने हैं शगूफे, समझ नहीं आते।। हम तो ग़म में भी, ठहाके लगाया करते थे। अब… Continue reading तेरी किताब के

बहुत गुरुर है

बहुत गुरुर है दरिया को अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड जाये।

क्या सुनाऊ अपनी

क्या सुनाऊ अपनी जिंदगी की कहानी दोस्तों समुन्दर पर राज किया फिर भी जिंदगी भर प्यासा ही रहा

यादो की बात

यादो की बात ना करो ये वो लम्हे होते है,के हस्ते हुवे इंसान को आंसू दे जाते हैं|

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