बिन तुम्हारे कभी नही

बिन तुम्हारे कभी नही आयी क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है|

ज़िंदगी जिनसे हो

ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा, उनसे रूठ जाती है मौत भी शायद

हम मरेगें भी तो

हम मरेगें भी तो उस अंदाज से, जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है।

जो कुरेद कर

जो कुरेद कर दिवार पे तुम्हारा नाम लिखा था, ज़िन्दगी की सबसे लम्बी कहानी वही तो थी।

आँखों में भी

आँखों में भी कुछ सपने सो जाते हैं सपनों में भी मुश्किल जब उनका आना लगता है

यादों को याद बना कर

यादों को याद बना कर रख लिया जज्बातों को तेज़ाब बना कर रख लिया

बिखरने के बहाने

बिखरने के बहाने तो बहुत मिल जाएँगे … आओ हम जुड़ने के अवसर खोजें..!

खत क्या लिखा….

खत क्या लिखा….. मानवता के पते पर डाकिया ही गुजर गया पता ढूढते ढूढते…..

खत्म होने की वजह

कुछ रिश्तों के खत्म होने की वजह सिर्फ यह होती है कि.. एक कुछ बोल नहीं पाता और दुसरा कुछ समझ ही नहीं पाता।

सुविचारों का असर

सुविचारों का असर इसलिए नहीं होता क्योंकि लिखने वाले और पढने वाले दोनों यह समझते है की ये दूसरों के लिए है।

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