ये ज़िंदगी भी

ये ज़िंदगी भी कोई ज़िंदगी है हम-नफ़सो सितारा बन के जले बुझ गए शरर की तरह…

अच्छा हुआ कि

अच्छा हुआ कि तूने हमें तोड़ कर रख दिया, घमण्ड भी तो बहुत था हमें तेरे होने का …..

जीत लेते हैं

जीत लेते हैं सैकड़ो लोगों का दिल शायरी करके..! लोगों को क्या पता अंदर से कितने अकेले हैं हम !!

तुझसे किसने कहा

तुझसे किसने कहा कि यह मुमकिन है? कि मैं रहूँ और मुझ में तू ना रहे?

ये सोचना ग़लत है

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं, मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं।

यहाँ लोग हैं लुटेरे

ऐ दिल चल छोड अब ये पहरे, ये दुनिया है झूठी यहाँ लोग हैं लुटेरे।।

ज़िन्दगी वक़्त के साथ

ज़िन्दगी वक़्त के साथ बदलती चली जा रही है, बचपन की शामें लंबी हुआ करती थी अब की शाम दावे पाँव अँधेरे के साथ आकर निकल जाती है..

सौ बार टूटा दिल

सौ बार टूटा दिल मेरा, सौ बार बिखरी आरजू जिस्म से उड़ चला है परिंदा न जाने कहां जाएगा

बडे अजीब लोग

बडे अजीब लोग हमने देखे चलते-फिरते यहाँ खुद की जीत के लिए औरों को बदनाम करते सब यहाँ !!

आजकल खुद से

आजकल खुद से बात करते हैं …. ये सोचकर कि सुन रहे हो तुम !!

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