पहली शर्त है

मुस्कुराओ…. क्योंकि यह मनुष्य होने की पहली शर्त है। एक पशु कभी भी नहीं मुस्कुरा सकता।

क्रोध में दिया

मुस्कुराओ….. क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।

ऐसा नहीं कि

ऐसा नहीं कि कहने को कुछ नहीं बाकी, मैं बस देख रहा हूँ क्या ख़ामोशी भी समझते हैं सुनने वाले…!

जिंदगी तेरी आँच

ख्वाब शीशे के थे पिघल गये, जिंदगी तेरी आँच ज्यादा थी……

मेरा है मुझमें

अलग दुनिया से हटकर भी कोई दुनिया है मुझमें, फ़क़त रहमत है उसकी और क्या मेरा है मुझमें. मैं अपनी मौज में बहता रहा हूँ सूख कर भी, ख़ुदा ही जानता है कौनसा दरिया है मुझमें. इमारत तो बड़ी है पर कहाँ इसमें रहूँ मैं, न हो जिसमें घुटन वो कौनसा कमरा है मुझमें. दिलासों… Continue reading मेरा है मुझमें

सज़ा-ए-मौत

कुछ लोग सिखाते है मुझे प्यार के क़ायदे कानून, नही जानते वो इस गुनाह में हम सज़ा-ए-मौत के मुज़रिम हैं…….

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