वो पत्थर कहाँ मिलता है

वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त, जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं..

कुछ तो सोचा होगा

कुछ तो सोचा होगा कायनात ने तेरे-मेरे रिश्ते पर… वरना इतनी बड़ी दुनिया में तुझसे ही बात क्यों होती….

ज़िन्दगी को समझने में

ज़िन्दगी को समझने में वक़्त न गुज़ार, थोड़ी जी ले पूरी समझ में आ जायेगी।

मैं ख्वाहिश बन जाऊँ

मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तू रूह की तलब बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर.

कल फिर जो तुमको

कल फिर जो तुमको देखा दीवार की ओंट से ज़िन्दगी फिर मुस्कुरा उठी नजरों की चोट से

रंग उन अनकही बातो का

रंग उन अनकही बातो का आज भी हरा है जाने कितने पतझड बीत गये….

कुछ देर के सवालो मे..

उलझा उनको कुछ देर के सवालो मे..! हमने जी भर के देख लिया उनको..!!

मोहब्बत सिर्फ देखने से

मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं,कभी कभी बातो से भी हो जाती है…

जिन पर लुटा चूका था

जिन पर लुटा चूका था मैं दुनिया की दौलतें उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया….

कहानी ख़त्म हुई

कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई…कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..

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