दो बूंद मेरे प्यार की

दो बूंद मेरे प्यार की पी ले, जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी…

लफ़्ज़ों ने बहुत

लफ़्ज़ों ने बहुत मुझको छुपाया लेकिन…. उसने मेरी नज़रों की तलाशी ले ली

अभी तो साथ चलना है

अभी तो साथ चलना है समंदरों की लहरों मॆं… किनारे पर ही देखेंगे… किनारा कौन करता है?

हर पल खुश रहूं

हर पल खुश रहूं ऐसा हो नहीं सकता, यादें भी आखिर कोई चीज़ हुआ करती हैं|

कुछ भी नहीं

कुछ भी नहीं है बाक़ी बाज़ार चल रहा है, ये कारोबार-ए-दुनिया बेकार चल रहा है|

परेशान मत हो

परेशान मत हो मेरी जान, कहा ना मैं हमेशा तेरे साथ हूँ !!

जाने कब उतरेगा कर्ज

जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी मोहब्बत का, हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरता हूँ..

सोच रहा हूँ

सोच रहा हूँ कि लिखूं कुछ ऐसा आज जिसे पढ़, वो रोये भी ना और, रात भर सोये भी ना..

कैसे भूलेगी वो

कैसे भूलेगी वो मेरी बरसों की चाहत को, दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी नहीं जाती…

अब ना करूँगा

अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने, दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना…!!!

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