कैसे करूँ मैं

कैसे करूँ मैं साबित, कि तुम याद बहुत आते हो, एहसास तुम समझते नही, और अदाएं हमे आती नहीं

मोहब्ब्बत के एहसास ने

मोहब्ब्बत के एहसास ने हम दोनों को छुआ था फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था,औरमुझे हुआ था !!

हमदर्दी ना करो

हमदर्दी ना करो, मुझसे ए मेरे हमदर्द यारो….. वो भी मेरे हमदर्द थे, जो दे गये दर्द हजारों…

आइना देख के बोले

आइना देख के बोले ये संवरने वाले अब तो बे मौत मरेंगे मेरे मरने वाले |

ज़ुल्म इतना ना कर

ज़ुल्म इतना ना कर की लोग कहेँ तुझे दुश्मन मेरा.. हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रखा है..

उड़ने दो मिट्टी

उड़ने दो मिट्टी,कहाँ तक उड़ेगी, हवा का साथ छूटेगा, ज़मीं पर आ गिरेगी…!

मेरी चादर तो

मेरी चादर तो छिनी थी शाम की तनहाई में, बेरिदाई को मेरी फिर दे गया तशहीर कौन…

क़त्ल करने की

क़त्ल करने की अदा भी हसीं क़ातिल भी हसीं, न भी मरना हो तो मर जाने को जी चाहे है…

लगता था ज़िन्दगी को

लगता था ज़िन्दगी कोबदलने में वक़्त लगेगा… क्या पता था बदलता हुआ वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा..

अपनी जिंदगी से

अपनी जिंदगी से इस कदर नाराज है हम से … बस साँसे गुजर रही है मौत की तलाश में……

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