किस्मतवालों को ही मिलती है…पनाह दोस्तों के दिल में यूँ ही हर शख्स…जन्नत का हक़दार नहीं होता………
Tag: शर्म शायरी
कोई तितली हमारे पास
कोई तितली हमारे पास आती तो क्यो आती सजाए उम्र भर कागज़ के फूल और पत्तियां हमने।।
बड़ी हसरत है
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं अपने लिए रख लूँ, तुम्हारे साथ पूरा एक दिन बस ख़र्च करने की तमन्ना है…
अगर पलक पे है
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का……
ख्वाईश की बात ना कर
ख्वाईश की बात ना कर ,तेरे साँसों में शामिल हूँ …!! यकीं ना हो ,धडकनों से पूछ ,तेरे रग रग में शामिल हूँ|
हाथ बेशक छूट गया
हाथ बेशक छूट गया, लेकिन वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया|
तुझको देखा तो
तुझको देखा तो फिर किसीको नहीं देखा। चाँद कहता रहा ..मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ ।
तेरी मोहब्बत की
तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।
सच बोलता गया
यूं तो भीड़ बहुत हुआ करती थी महफिल में मेरी फिर मैं सच बोलता गया और लोग उठते गये
मिलने की अजीब शर्त
उसने मिलने की अजीब शर्त रखी… . गालिब चल के आओ सूखे पत्तों पे, लेकिन कोई आहट न हो!