हाल मीठे फलों का

हाल मीठे फलों का मत पूछिए जनाब रात दिन, चाकु की नोंक पे रहते हैं….

मैं सर के बल

मैं सर के बल गिरा था गुनाहों के बोझ से दुनिया समझ रही थी के सजदे मैं पडा है मैं जब गया सजदे मैं तो लोगों ने ये कहा ज़ालिम ने बहुत पी ली जो मदहोश पडा है…

पता नही होश में

पता नही होश में हूँ या बेहोश हूँ मैं पर बहुत सोच समझकर खामोश हूँ मैं…

अक्सर सोचा करते थे

अक्सर सोचा करते थे कि हम भूल चुके हैं उनको , फिर आज ये किस बात पे मुझको यूँ रोना आया !

सूरज ढला तो

सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये कभी पैरों से रौंदी थी यहीं परछाइयां हमने …!!

लोग पूछते हैं

लोग पूछते हैं , मैं क्या करता हूँ.., उन्हें क्या बताऊँ..मोहब्बत की थी, अब रोज़ मरता हूँ….!!!!

इश्क वो खेल नहीं

इश्क वो खेल नहीं जो छोटे दिल वाले खेलें, रूह तक काँप जाती है, सदमे सहते-सहते. जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले,इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं !!

आँखों में तेरी डूब जाने को

आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है! इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है! कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम! वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है!

इंतज़ार रहता है

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा, मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में, कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा….

जख्म तो हम भी

जख्म तो हम भी अपने दिल में बहुत गहरे रखते हैं मगर हम जख्मों पे मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं..!!

Exit mobile version