कुछ भीगें अल्फाज़ों ने

कुछ भीगें अल्फाज़ों ने, यूँ दिया हैं दिल पर पहरा, अंधेरे अब डराते नही, हैं रोशन हर सफर मेरा…

‬मैं आपकी नज़रों से

‬मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहती हूँ, देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहती हूँ ।

कुछ भीगें अल्फाज़ों ने

कुछ भीगें अल्फाज़ों ने, यूँ दिया हैं दिल पर पहरा, अंधेरे अब डराते नही, हैं रोशन हर सफर मेरा…

मेरे दिल में

मेरे दिल में उसकी हर गलती माफ हो जाती हैं,, जब वो मुस्करा के पूछती हैं, नाराज़ हो क्या…?

जब रुला लेते हैं

जब रुला लेते हैं जी भर के हमें… जब सता लेते हैं जी भर के हमें… तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं…. और क्या एहद-ए-वफ़ा होते हैं….

तुम लाख छुपाओ ….

तुम लाख छुपाओ ……मुझसे जो रिश्ता है…. तुम्हारा सयाने कहते हैं नजर अंदाज करना भी मुहब्बत है…..

लोग कहते हैं

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!

ऐ जिंदगी तू हँस ले

ऐ जिंदगी तू हँस ले मेरे जीने के अंदाज़ पे, वो दिन भी आएगा जब तू संवारेगी मुझे ।।

मैंने तो बिना सोचे

मैंने तो बिना सोचे मोहब्बत की है तुमसे, सोच के किया जाये उसे तो फरेब कहते है !!

अजीब सी बेताबी है…

अजीब सी बेताबी है… तेरे बिना, रह भी लेते है और रहा भी नही जाता..

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