कभी हम भी हँसते खेलते और मुस्कुराते थे, ज़नाब…. ये इश्क़ की आदत ने सब कुछ बदल के रख दिया|
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रोज ढलता हुआ
रोज ढलता हुआ सूरज कहता है मुझसे, आज उसको बेवफा हुए एक दिन और बीत गया ।
कितने सुलझे हुए
कितने सुलझे हुए तरीके से, मुझको उलझन में डाल जाते हो तुम…
करके हम यकीन
करके हम यकीन गले लगाया था हमे क्या पता वो हमसे रंजिश रखते है|
कभी कभी बहुत
कभी कभी बहुत सताता है यह सवाल मुझे, . हम मिले ही क्यूं थे जब हमें मिलना ही नहीं था..
चल पड़ी है
चल पड़ी है दुआएं मेरी अर्श की जानिब, तुम बस मेरे होने की तैयारी करो..
लाजवाब है वो इंसान
लाजवाब है वो इंसान जो सदा हँसते है, गम छुपाकर अपने औरों के दिल में बसते है !!
तुझसे बात करके
तुझसे बात करके ही चेहरे का रंग बदल जाता है ओर लोग पूछते है दवा का नाम कया है…
चेहरे बदल-बदल कर
चेहरे बदल-बदल कर मिलते है लोग मुझसे…. इतना बुरा सुलूक क्यूँ मेरी सादगी के साथ|
खता हो गयी तो
खता हो गयी तो,सजा सुना दो,दिल में इतना दर्द क्यूँ है,वजह बता दो,!देर हो सकती है,याद करने में जरुर,लेकिन तुम्हें भुला देंगे,ये ख्याल दिल से मिटा दो…।।