उसने पुछा मेरे बिन जी लोगे ..?… साँस रुक चुकी थी ,वो समझे हम सोच रहे है ….
Tag: व्यंग्य
हैरत करूँ मलाल करूँ
हैरत करूँ मलाल करूँ या गिला करूँ…. तुम गैर लग रहे हो बताओ मैं क्या करूँ…
मैं खुद दुनिया से
मेरी यादों से बच निकलो तो ….. वादा है मेरा तुमसे मैं खुद दुनिया से कह दूँगी…. कमी मेरी वफ़ा में थी !!!
उम्र ज़ाया कर दी
उम्र ज़ाया कर दी औरों के वजूद में नुक़्स निकालते निकालते इतना खुद को तराशते तो न जाने क्या से क्या हो जाते..
तेरी चाहत में
में दुनिया भुला दूंगा तेरी चाहत में |
मेरी वफ़ा में थी
मेरी यादों से बच निकलो तो ….. वादा है मेरा तुमसे मैं खुद दुनिया से कह दूँगी…. कमी मेरी वफ़ा में थी !!!
रिश्ता बनाये रखे
अच्छे समय से नहीं बल्कि अच्छे इंसान से रिश्ता बनाये रखे… क्योंकि…अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है लेकिन अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता है…
रखा करो नजदीकियां
रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं. . . . फिर मत कहना चले भी गए… और बताया भी नहीं. . . !
उनका लगातार बरसना
आज का विचार…. बारिश की बूँदें, भले ही छोटी हों, लेकिन उनका लगातार बरसना बड़ी बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है । ऎसे ही हमारे छोटे छोटे प्रयास निश्चित ही जिन्दगी में बड़ा परिवर्तन लाने में सक्षम रहते हैं । “प्रयास छोटा ही सही पर, लगातार होना चाहिए।।
पेशा मुहब्बत है
मुझे भी आरक्षण चाहिए इश्क की इस दुनिया में ! पेशा मुहब्बत है और जात से आशिक हूँ..!