कोई दावत तो उसे दे आए जाकर जनाज़े में मेरे शरीक़ होने की आखिरी सफर में ही सही हमसफ़र बनाने की आरज़ू तो पूरी हो |
Tag: व्यंग्य
खोया बहुत कुछ
त्याग दि सब खवाहिशे कुछ अलग करने के लिये राम ने खोया बहुत कुछ श्रीराम बनने के लिये….
तरसेगा जब दिल
तरसेगा जब दिल तुम्हारा, मेरी मुलाकात को.. ख्वाबों मे होंगे तुम्हारे हम, उसी रात को..!!
देखते ही रहे गये
कितनी अजीब जुदाए थी वो, वो हमें अलविदा कहे रहे थे और हम बस देखते ही रहे गये|
वक़्त गुज़र जायेगा
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुज़र जायेगा; दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा , जी लो ये पल जब हम साथ हैं; कल क्या पता वक़्त कहाँ ले जायेगा।
अमीर हो जाएँगे..
निकलेगी बारात जब तेरी गली से तो इतनी .. गोलिया चलाएंगे की तेरे पड़ोसी भी पीतल बेच बेच के अमीर हो जाएँगे..
जब चाहत हो
पाने बाला पा जाता है , मेहनत करना रंग लाता है , पाने की जब चाहत हो तो, ताज चलकर खुद आता है ….!!
मेरी जिन्दगी से
काश कोई इस तरह भी वाकिफ़ हो मेरी जिन्दगी से… मै बारिश में भी रोऊँ तो वो मेरे आँसू पढ ले…!!
ज़ज्बात तो ना लूटो
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो..!! वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ ..
वाह-वाह मिली मुझे..
तेरे नाम से बढकर कहाँ.. कोई शायरी हुई.. तेरा नाम जब लिखा.. वाह-वाह मिली मुझे..