Fakat ek khwaab ko haqeeqat bnaane ki zidd me. . . Neendon se dushmani ek umr nibhaai hai maine..
Tag: व्यंग्य
वो मुहब्बत कैसी
जो बेसब्र ना हो, तो फिर वो मुहब्बत कैसी…..
सबको फिक्र है अपने आप
सबको फिक्र है अपने आप को सही साबित करने की..! ज़िन्दगी, जिन्दगी नहीं कोई इल्जाम हो जैसे..!!
इस दूनिया मेँ
सुनो.. इस दूनिया मेँ हर वो एक शख्स अकेला हैँ जिसने सच्चे दिल से मोहब्बत की हैँ…!!
सुब्ह सवेरे कौन सी
सुब्ह सवेरे कौन सी सूरत फुलवारी में आई है डाली डाली झूम उठी है कली कली लहराई है ।
Pasand bhi apni thi
Usko Bewafa koh kr apni hi Nazaron Main gir jatay hain wo pyar bhi apna tha Wo Pasand bhi apni thi
जिंदगी गुजर जाऐ
कोई हुनर , कोई राज , कोई रविश , कोई तो तरीका बताओ के.. दिल टूटे भी ना , साथ छूटे भी ना , कोई रूठे भी ना और जिंदगी गुजर जाऐ ..
kisi aur ki khatir
Vo kisi aur ki khatir hame bhul bhi gaye to koi baat nahi kabhi hum bhi to bhul gaye the sara jahako unhi ki khatir
दिल के आगंन में
कभी वक्त मिले तो रखना कदम , मेरे दिल के आगंन में ! हैरान रह जाओगे मेरे दिल में , अपना मुकाम |
सब जान के
शहर का शहर है पत्थर जेसा किस किस का एतबार करू बे दरदो के आगे कसे मे बेठ के ईजहार करू दूश्मन है सब जान के