चाहते हो अगर हमेशा के लिए किसी को अपना बनाना.. तो कितना चाहते हो उसे ,ये उसे कभी ना बताना
Tag: व्यंग्य
कौन कहता है
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नहीँ होते… रास्ते गवाह हैँ, कमबख्त गवाही नहीँ देते…
तारीफ़ के मोहताज
तारीफ़ के मोहताज नही होते हैं सच्चे लोग, ऐ दोस्त…!! असली फूलो पर कभी इत्र छिड़का नहीं जाता…!!
ना खुशी की तलाश है
ना खुशी की तलाश है ना गम-ए-निजात की आरज़ू, मै ख़ुद से ही नाराज हूँ तेरी नाराजगी के बाद।
करें किसका यक़ीन
करें किसका यक़ीन यहाँ सब अदाकार ही तो हैं, गिला भी करें तो किससे करें सब अपने यार ही तो हैं।
तुमको दे दी है
तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैने.. माँगने से ना मिलूँ….तो चुरा लो मुझको..
इलाज न ढूंढ
इलाज न ढूंढ इश्क का वो होगा ही नही, इलाज मर्ज का होता है इबादत का नही ।
मुस्काना तो पड़ता है
महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना रस्ते में ये मैखाना तो पडता हैं तुमको पाने की चाहत में ख़तम हुए इश्क में इतना जुरमाना तो पड़ता हैं
हजारों महेफिलें है
हजारों महेफिलें है और लाखो मेले है,पर जहां तुम नहीं वहां हम अकेले है !!
तुम मेरे साथ
तुम मेरे साथ चलो सब को दिखाने के लिये, फिर किसी मोड़ पर चुपके से जुदा हो जाना !!