थोड़ी सी खुद्दारी भी लाज़मी थी, उसने हाथ छुड़ाया मैंने छोड़ दिया|
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बेनाम आरजू की वजह
बेनाम आरजू की वजह ना पूछिये, कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया…
कोई पत्थर तो नहीं…
हर बार वो क्यों मुझे छोड़ जाता है तन्हा, मैं मज़बूत तो बहुत हूँ मगर कोई पत्थर तो नहीं…
मैं वो दरिया हूँ
मैं वो दरिया हूँ के हर मौज भंवर है जिसकी, तुमने अच्छा किया मुझसे किनारा करके…
अजीब रंग का मौसम
अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से; नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से… वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से… मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से…
जनाजे लौट के
जनाजे लौट के आते तो सूकून मिलती उन्हें। जाबांज जीत के आये तो सुबुत मागते हैं।।
जाते जाते उसने
जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे, मेरी बेवफायी से ही मर जाओगे या मार के जाऊ!!
चाँद का हुस्न
चाँद का हुस्न भी ज़मीन से है,चाँद पर चाँदनी नहीं होती।
इश्क़ सभी को
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है, वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है. इश्क़ नही किया तो करके देखो, ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है|
मुझसे जब भी मिलो
मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना..