जब भी वो उदास हो

जब भी वो उदास हो उसे मेरी कहानी सुना देना मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत है|

मुठ्ठी भर ही सही..

मुठ्ठी भर ही सही.. इश्क सभी को है..

वो मुझसे दूर रहकर

वो मुझसे दूर रहकर खुश हैं और में उसे खुश देखने के लिए दुर हूँ

बेहतर बनाने की कोशिश

बेहतर बनाने की कोशिश में, तुझे वक़्त ही नहीं दे पा रहे हम, माफ़ करना ऐ ज़िंदगी…! …तुझे जी नहीं पा रहे हम।

लिबास तय करता है

लिबास तय करता है बशर की हैसियत कफ़न ओढ़ लो तो दुनिया काँधे पे उठाती है।

वो परिंदा था

वो परिंदा था, खुले आसमां में उड़ता था उसे इश्क हुआ, सुना अब जमीं पे रेंगता है..

हूँ जन्म से

हूँ जन्म से ही जिस्म में अपने किरायेदार… मेरा सफ़र है इस मकान से उस मकान तक…

ये नर्म मिज़ाजी है

ये नर्म मिज़ाजी है जनाब कि गुल कुछ नही कहते, वरना कभी दिखलाइये .. काँटों को मसलकर….

यह भी नहीं कि

यह भी नहीं कि मेरे मनाने से आ गया जब रह नहीं सका तो .. बहाने से आ गया

वो चीज़ जिसे दिल कहते है

वो चीज़ जिसे दिल कहते है वो भूल गया में रख कर कही|

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