क्यूँ नहीं महसूस होती

क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ, जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे।

उनका ईश्क चाँद जैसा था …

उनका ईश्क चाँद जैसा था … पुरा हुआ…तो घटने लगा…!!

चर्चाएं खास हो

चर्चाएं खास हो तो किस्से भी ज़रूर होते है…. उंगलियां भी उन्ही पर उठती है जो मशहूर होते है…

कुछ इस तरह से

कुछ इस तरह से लिपटी थी फूल से तितली पता चल ही न सका.. किसे कौन ज्यादा प्यार करता है|

खुद को भी

खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो यारों कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं.!!

भूल न जाऊं

भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद, यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है।

जाऊँ तो कहा जाऊँ

जाऊँ तो कहा जाऊँ इस तंग दिल दुनिया में, हर शख्स मजहब पूछ के आस्तीन चढ़ा लेता है…!

तेरा इश्क जैसे

तेरा इश्क जैसे प्याज था शायद। परते खुलती गयी आँसू निकलते गये॥

चलो दौलत की

चलो दौलत की बात करते हैं, बताओ तुम्हारे दोस्त कितने हैं….!!

मेरी इन चढ़ी आँखों को

मेरी इन चढ़ी आँखों को ज़रा नम कर दे, ऐ मर्ज़ इस तकलीफ को ज़रा कम कर दे…!!

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