बिच्छु की तरह

यार के लहजे में ज़हर है….. बिच्छु की तरह, वो मुझे आप तो कहता मगर….. तू की तरह

वो उसके हाथों से लिखे ख़त

वो उसके हाथों से लिखे ख़त और पुरानी तस्वीरों के दिन ही सही थे इंतज़ार और ऐतबार क़ाबू में तो थे।

कोई दावत तो उसे दे

कोई दावत तो उसे दे आए जाकर जनाज़े में मेरे शरीक़ होने की आखिरी सफर में ही सही हमसफ़र बनाने की आरज़ू तो पूरी हो

दरवाजा तेरे दिल का

छोटा सा है दरवाजा तेरे दिल का ,अन्दर आऊं तो सजदा खुदहो जाता है..!!

अपने चिरागों पर

हम अपने अपने चिरागों पर खूब इत्तराये.. पर उसे भूल गए जो हवा चलाता है ।

जिन्दगी में सताने वाले

किस को क्या इलज़ाम दूं दोस्तो… जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे.. और दफनाने वाले भी अपने थे…

सिलसिले को ना दो

सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम.. जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग…‼️

हम वो तालाब है

हम वो तालाब है मेरे दोस्त् जहा शेर भी आये तो उसे भी सर झुका के पानी पीना पड़ता है ।

रंग आवाज़ों के बदलेंगे

रंग आवाज़ों के बदलेंगे उछालो रोटियाँ एक मुद्दत से खड़ी इस मफ़लिसी को देख लें

मोहब्बत निभा ले

काश तू मुझसे बस इतनी सी मोहब्बत निभा ले जब भी मै तुझसे रूठूँ तो तू मुझे मना ले ..!!!!

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