इतना तनहा पाया

तेरे बाद खुद को इतना तनहा पाया, जैसे लोग हमें दफना के चले गए हो !!

पुरानी चींजे बदलने की

अपनी आदत नही है पुरानी चींजे बदलने की … हम सादगी पे मरने वाले जाहिल लोग है |

वो गुनगुनाते है

मेरी शायरी अक्सर वो गुनगुनाते है बंद है मेरी बोल चाल जिनसे..

मुझे बहुत प्यारी है

मुझे बहुत प्यारी है, तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी… “चाहे वो दिल का दर्द हो, या…..आँखों का पानी……!!

आज दरार है

मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ? आज दरार है, कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ? मैं चुप, तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन ? बात छोटी को लगा लोगे दिल से, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर, सोचो हाथ फिर… Continue reading आज दरार है

मेरी रुसवाई कर के

मेरी रुसवाई कर के नाखुश हैं..उनके चेहरे की सियाही ये है, मेरे होने से दुखी हैं कुछ लोग..मेरे होने की गवाही ये है !

तुम क्या जानो

तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री.., तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया ..

आख़िरी उम्र में

आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ.. यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !

फासलों से अगर

फासलों से अगर.. मुस्कुराहट लौट आये तुम्हारी… तो तुम्हे हक़ है.. कि तुम… दूरियां बना लो मुझसे….

आंखें भी खोलनी पड़ती हैं

आंखें भी खोलनी पड़ती हैं उजाले के लिए… सूरज के निकलने से ही अँधेरा नहीं जाता….

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