अफवाह थी…कि मुझें

अफवाह थी… कि मुझें इश्क हुआ है… लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया…

કેમ આ યાદો ની

કેમ આ યાદો ની આંધી ઓ થોભતી નથી.. અરે જો ને … કે આ જીંદગી તારા વિના જરાય શોભતી નથી

लोग‬ अकसर उस जगह पे जाते हैं

लोग‬ अकसर उस जगह पे जाते हैं जहा पे ‪#‎इतिहास‬ होता हैं………… ‪#‎मगर‬ हम तो जहा भी जाते हैं…. वहा ‪#‎इतिहास_बना_के_आते‬ हैं….

एक आँसू भी गिरता है

एक आँसू भी गिरता है तो लोग हजार सवाल पूछते हैं, .. ऐ बचपन लौट आ मुझे खुल कर रोना है…

अनुभव कहता है…

अनुभव कहता है… खामोशियाँ ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं

तू छोड़ दे कोशिशें..

तू छोड़ दे कोशिशें.. इन्सानों को पहचानने की…! यहाँ जरुरतों के हिसाब से .. सब बदलते नकाब हैं…! अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर. हर शख़्स कहता है- ” ज़माना बड़ा ख़राब है।”

जो आपके इंतज़ार में गुज़रती है

जो आपके इंतज़ार में गुज़रती है,बहुत मसरुफ़ होने पर भी वो फ़ुरसत कम नही होती……

तेरी रूह का मेरी रूह से

तेरी रूह का मेरी रूह से निकाह हो गया हैं जैसे… तेरे सिवा किसी और का सोचूँ तो नाजायज़ सा लगता हैं….

हम जमाने की नज़र में थे

हम जमाने की नज़र में थे यकीनन, तेरी नज़र से पेश्तर, तेरी नज़र में जो आये, हो गए सुर्खरू पहले से भी बेहतर।

यही अंदाज़ है मेरा समन्दर फ़तह करने का

यही अंदाज़ है मेरा समन्दर फ़तह करने का मेरी काग़ज़ की कश्ती में कई जुगनू भी होते है..

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