खरीदने निकला था थोड़ी

खरीदने निकला था थोड़ी ख़ुशी, ज्यादा खुश तो वो मिले जिनकी जेबें खाली थी…!!

आ गई याद शाम ढलते

आ गई याद शाम ढलते ही, बुझ गया दिल चराग जलते ही।

दिल उदास है बहुत

दिल उदास है बहुत कोई पैगाम ही लिख दो, तुम अपना नाम ना लिखो गुमनाम ही लिख दो…

यादों की कसक

“यादों की कसक…साँसों की थकन…आँखों में नमी है…, ज़िन्दगी…तुझमे सब कुछ है बस…“उसकी” कमी है…!”

यूँ तो शिकायतें

यूँ तो शिकायतें तुझसे सैंकड़ों हैं मगर, तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये…

बहोत कुछ छूट

बहोत कुछ छूट जाता है… “कुछ” पूरा करने में…

झूठ, लालच और फरेब

झूठ, लालच और फरेब से परे है, खुदा का शुक्र है आयने आज भी खरे है.”

जब वक़्त करवट लेता हैं

जब वक़्त करवट लेता हैं ना, दोस्तों…!! …तो बाजियाँ नहीं, जिंदगियाँ पलट जाती है..!

बात करने से ही

बात करने से ही बात बनती है.. बात ना करने से, बातें बन जाती है ..!

बेशक ही वो शतरंज

बेशक ही वो शतरंज में माहिर रहे होंगे क्योंकि उनकी चाल पर हजारो फ़िदा है

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