आओ एक मुलाकात

बहुत खामिया निकालने लगे हो आजकल मुझमे, .. आओ एक मुलाकात “आईने” से जरा तुम भी कर लो..।।

अभी तो बहुत दूर

अभी तो बहुत दूर तक जाना है कई रिश्तों को भुलाना है मेरी मंजिल है बहुत दूर क्योंकि मुझे तो अलग पहचान बनाना है ।

जिंदगी चाहिए

पता है … लाश पानी में क्यों तैरती हैं …?? क्योंकि डुबने के लिए जिंदगी चाहिए

ये क्यों कहे

ये क्यों कहे दिन आजकल अपने खराब हैं, काटों से घिर गये हैं, समझ लो गुलाब हैं।

देखा जो तीर

देखा जो तीर खा के, दुश्मनों की तरफ़.. अपने ही दोस्तों से मुलाकात हो गई..

कर रहा हूँ

कर रहा हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ…. की मंजिल भी मिलेगी … सब आज़माइशों के बाद…

आधे से कुछ

आधे से कुछ ज्यादा है, पूरे से कुछ कम… कुछ जिंदगी… कुछ गम, कुछ इश्क… कुछ हम…

दिल की धडकनों

दिल की धडकनों में अचानक ये इज़ाफा कैसा….. उसके होंठो पे कहीं नाम हमारा तो नही.

ताल्लुक भी खत्म

काश..! निगाहे फेर लेने से… ताल्लुक भी खत्म हो जाते..!!

मेरा भी वक्त आएगा

छत , इतवार , परिंदे , पेड , किताब , कलम , शाम … मैंने कहा था ना मेरा भी वक्त आएगा .!!

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