नहीं ज़रूरत मुझे तुम्हारी अब, ख्यालात तुम्हारे काफ़ी है….. तुम क्या जानो इस मस्ती को, अहसास तुम्हारे काफ़ी है……
Tag: प्यारी शायरी
धीमी-धीमी नस चलें
धीमी-धीमी नस चलें, रुक-रुक करके श्वास। जीने की अब ना रही, थोड़ी सी भी आस।।
पूरी दुनिया खोज लो
पूरी दुनिया खोज लो हमसे बड़ा न वीर हमने खुद ही डाल लीं पांवों में जंजीर
रह रह कर मुझको
रह रह कर मुझको रुलाती है वो , आसमां से मुझको बुलाती है वो।
इक तमन्ना के लिए
इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!
बेजुबान पत्थर पे
बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..! उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!
यूँ तो जिंदगी तेरे
यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!
देख कर उसकी आँखो में
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी… दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
दिल के जख्म
दिल के जख्म को चेहरे से…. जाहिर न होने दिया, यही जिन्दगी में…… मेरे जीने का अंदाज बन गया..
तू कर ले लाख कोशिशें
तू कर ले लाख कोशिशें❗ मेरे लड़खड़ाते कदमों को भटकाने की… ऐ ज़िन्दगी ठोकरें खा कर ही सही, सम्भल कर चलना हम भी सीख जायेंगे।