ख़ुश हो ऐ दिल कि मोहब्बत तो निभा दी तू ने लोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले पहले
Tag: जिंदगी शायरी
आशिकी से मिलेगा
आशिकी से मिलेगा ऐ जाहिद, बंदगी से खुदा नहीं मिलता।
हमारे बाद अंधेरा
हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल में बहुत चराग़ जलाओगे रौशनी के लिए
तुमको दे दी है
तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैंने…. मांगने से ना मिलूं तो चुरा लो मुझको….
काश कोई अपना हो
काश कोई अपना हो , आईने जैसा ! जो हसे भी साथ और रोए भी साथ…
मुझे शायद सूरत देखकर
मुझे शायद सूरत देखकर ही प्यार करना था दिल देख के प्यार करने का नतीजा भुगत लिया मैने !!
आज यह दीवार
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी…. शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए…
समझदार हो गयी है
मोहब्बत अब समझदार हो गयी है, हैसियत देख कर आगे बढ़ती है….
सोचता हूँ गिरा दूँ
सोचता हूँ गिरा दूँ सभी रिश्तों के खंडहर , इन मकानो से किराया भी नहीं आता है ….!!
उसकी हर एक शिकायत
उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही, . अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है!