जब भी देखता हूँ

जब भी देखता हूँ खूबसूरत लड़कियो को, याद आती है वो….कभी एक खूबसूरत लड़की पर हक़ मेरा भी था !!

तुम तमाशा समझती

तुम तमाशा समझती हो खुदारा ज़िन्दगी है मेरी…

जुड़ नही पाये

जुड़ नही पाये पुर्जे उन खतो के, फिर कभी, मेरी ज़िन्दगी मेरे सामने, तड़प-तड़प कर मरी …..

एक चाँद को

एक चाँद को देखने के लिए कल अरबो चाँद आज छत पर थे |

ये नर्म मिज़ाजी है

ये नर्म मिज़ाजी है जनाब कि गुल कुछ नही कहते, वरना कभी दिखलाइये .. काँटों को मसलकर….

एहसास थोड़े कम लिखूंगा

एहसास थोड़े कम लिखूंगा अब से…! क्यू कि दिल को शिकायत है कि मैं चुगली करने लगा हूँ….!!

यह भी नहीं कि

यह भी नहीं कि मेरे मनाने से आ गया जब रह नहीं सका तो .. बहाने से आ गया

किसको बरदाश्त है

किसको बरदाश्त है खुशी आजकल दूसरो की लोग तो मय्य़त की भीङ देखकर भी जल जाते है ||

वो चीज़ जिसे दिल कहते है

वो चीज़ जिसे दिल कहते है वो भूल गया में रख कर कही|

एक उम्र के बाद

एक उम्र के बाद उस उम्र की बातें, उम्र भर याद आती है…

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