उसकी मोहब्बत ही तो है… जो मेरी जिंदगी को खूबसुरत बनाती है…
Tag: शर्म शायरी
कुछ उनकी मजबूरियाँ…
कुछ उनकी मजबूरियाँ…कुछ मेरी कश्मकश, बस यूँ ही एक ख़ूबसूरत कहानी को…खत्म कर दिया हमने…
ये जो मेरे हालात हैं
ये जो मेरे हालात हैं एक दिन सुधर जायेंगे मगर तब तक कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे
तुम आ के थाम लो
तुम आ के थाम लो ना मुझे… सब ने छोर दिया है मुझे तुम्हारा समझ कर…
बहारों की चाह में
बहारों की चाह में गुजर जाती है यह ज़िंदगी, और कुछ फूल हंसके पतझड़ों में पलना सीख जाते हैं…
मेरे सीने में
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।
अगर मेरी जिंदगी में
अगर मेरी जिंदगी में तुम नहीं हो, तो ये जिंदगी भी नहीं चाहिए मुझे !!
यहाँ दिल तो
यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,मगर कोई दिल से नहीं मिलता !!
एक मुनासिब सा नाम
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा…..!! रोज जिदंगी पूछती हैं रिश्ता तेरा मेरा….!!
क्या क्या रंग दिखाती है
क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है, प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..