छोटी छोटी बातें दिल में रखने से बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं
Tag: शर्म शायरी
मौजूदगी बयाँ करता है।
तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया; क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता; कुत्ते भौंकते हैं अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए; मगऱ जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयाँ करता है।
खुश नहीं आजकल
तेरी नाराजगी वाजिब है… दोस्त,….! . . . . मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल,….!!
याद से भरा
बालकनी में आराम कुर्सी पर पड़ा हुआ है एक बोरा तुम्हारी याद से भरा।
राज़ की बात है
कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी; राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।
मफलर उलझ गया
देखो तो इक पहाड़ से कंकड़ उलझ गया जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया हिम्मत को उसकी आप भी अब दाद दीजिए लाखों के सूट बूट से मफलर उलझ गया
तुम्हें ग़ैरों से कब
तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत हम अपने ग़म से कब ख़ाली चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली.
मैं डूबता हूँ
ना जाने किसकी दुआओं का फैज़ है मुझपर, मैं डूबता हूँ और दरिया उछाल देता है..
शर्म आती है
जब कभी खुद की हरकतों पर शर्म आती है ….. चुपके से भगवान को भोग खिला देता हूँ …..
जो दिखता तुझसा है
मालूम नहीं है मुझको हुस्न की तारीफ मगर मेरे लिए हर वो शख्स खूबसूरत है जो दिखता तुझसा है