तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता.. खुबी तुझ में नहीं कमी मुझ में है..
Tag: शर्म शायरी
कहानीयो के हकदार
कहानीयो के हकदार नही, इतिहास के वारसदार हैं हम !!
इश्तेहार दे दूँ
इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है, वो जो आया था किरायेदार निकला!
तू जिंदगी को
तू जिंदगी को बस जी ले, उसे समझने की कोशिश न कर.. मन में चल रहे युद्ध को विराम दे, खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर.. कुछ बाते कुदरत पर छोड़ दे, सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर.. जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून छीन ले वो पाने… Continue reading तू जिंदगी को
अभी लिखी है
अभी लिखी है गज़ल तो अभी दीजिये दाद़ वो कैसी तारीफ जो मिले मौत के बाद..
जागा हुआ ज़मीर
जागा हुआ ज़मीर वो आईना है सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं|
मैं अपनी ज़ात में
मैं अपनी ज़ात में नीलाम हो रहा हूँ ग़म-ए-हयात से कह दो ख़रीद लाये मुझे|
लम्हों मे खता की
लम्हों मे खता की है सदियों की सज़ा पाई|
फ़न तलाशे है
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग|
वक्त इंसान पे
वक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है . राह में छोड़ के साया भी चला जाता हैवक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है . राह में छोड़ के साया भी चला जाता है|