जालिम दुनिया का

मसला एक यह भी है जालिम दुनिया का.., कोई अगर अच्छा भी है, तो अच्छा क्यूँ है…!

कभी तशरीफ तो

आप आते हैं कभी तारीख, महीना,कभी साल की तरह कभी तशरीफ तो हो महफ़िल में एक इंसान की तरह।।

इंसान बन जाना

सबसे आसान कामों में से एक है हिन्दू और मुसलमान बन जाना ! सबसे मुश्किल कामों में से एक है एक अच्छा और नेक दिल इंसान बन जाना!!

सिमट जाओ मुझमे

सुनो…..!! कुछ ऐसे सिमट जाओ मुझमे… जैसे ब्लैक एंड व्हाईट टीवी के एंटीने से पतंग उलझी रहती है…..!!

मैं अकेला हूं

कहने को ही मैं अकेला हूं.. वैसे हम चार है.. एक मैं..मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और कुछ एहसास…

मत पूँछ मुझसे

हैं दफ्न मुझमें मेरी कितनी रौनकें, मत पूँछ मुझसे….!! उजड़ – उजड़ के जो बसता रहा, वो शहर हूँ मैं…

जी में आता है

बांध लूँ हाथों पे, सीने पे सजा लूँ तुमको, …. जी में आता है, अब तावीज़ बना लूँ तुमको !!!

ज़िन्दगी का नाम

सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम… जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग !

तुम्हारी यादों में

ये कैसी नौकरी ता-उम्र की कर ली हमने… तुम्हारी यादों में इतवार भी नहीं आता….

कट तो जाता है

वक़्त बड़ा धारदार होता है, कट तो जाता है मगर, काटने के बाद…..!!

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