बड़ी चालाक होती है

बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है।।

वक्त खराब था

थोडा इंतज़ार कर लेती पगली………! वक्त खराब था हमारा दिल थोड़ी

जब हौसला बना लिया

जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का… फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का…!

कैंसे यकीन करूँ

कातिल भी तुम्हीं हो मुंसिफ भी तुम्हीं हो कैंसे यकीन करूँ फैसला मेरे हक़ मैं आएगा

वक्त रूबरू करवाता है

वक्त रूबरू करवाता है… कभी खुद से….तो कभी सब से…!

unke aamad ki

Mita de ye khushfahmi unke aamad ki, gareebon ki mazaron par charagan koun karta hai.

न भूलेगा ज़माना

उन्हें सदियों न भूलेगा ज़माना यहाँ जो हादसे कल हो गए हैं

ख्याल-ए-यार

ख्याल-ए-यार है या कि तस्सुवर-ए-खुदा बेखुदी में तो हम से ये फर्क नहीं होता

मेरे होंटों पे

मेरे होंटों पे तेरे नाम की लर्ज़िश तो नहीं ये जो आँखों में चमक है कोई ख़्वाहिश तो नहीं…

एक सफ़र

एक सफ़र हमने ज़िंदगी का ऐसा भी किया पांव की जगह दिल को ही दुखा दिया…

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