छोङो ना यार , क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ ..
Tag: व्यंग्य शायरी
अजीब खेल है
अजीब खेल है इस मोहब्बत का, किसी को हम न मिले और न कोई हमे मिला।
मेरे दिल से
मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सके, और कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम..
एक ही समानता है
एक ही समानता है पतंग औऱ जिन्दगी मॆं.. ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती हैं!!
सुनो…तुम्हारी दो बाहें
सुनो… तुम्हारी दो बाहें मेरी जमीं… तुम्हारी दो आँखें मेरा आसमान…
ज़िंदगी के ये सवालात
ज़िंदगी के ये सवालात कहाँ थे पहले, इतने उलझे हुए हालात कहाँ थे पहले..
हुस्न वाले जब
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का, बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम।।
ना जाने कौनसी
ना जाने कौनसी दवा है उसके पास, कुछ पल साथ गुजार लूं तो सुकून सा मिलता है।।
जो दिल में आए
जो दिल में आए वो सब करना, बस एक गुजारिश है, किसी से अधूरा प्यार मत करना।।
रिश्ते संजोने में
रिश्ते संजोने में एक इंसान झुकता चला गया, और लोगो ने इसे उसकी औकात समझ लिया।।