जाने कितनी रातों की

जाने कितनी रातों की नीदें ले गया वो, जो पल भर मौहब्बत जताने आया था।

उनका ईश्क चाँद जैसा था …

उनका ईश्क चाँद जैसा था … पुरा हुआ…तो घटने लगा…!!

चर्चाएं खास हो

चर्चाएं खास हो तो किस्से भी ज़रूर होते है…. उंगलियां भी उन्ही पर उठती है जो मशहूर होते है…

कुछ इस तरह से

कुछ इस तरह से लिपटी थी फूल से तितली पता चल ही न सका.. किसे कौन ज्यादा प्यार करता है|

खुद को भी

खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो यारों कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं.!!

भूल न जाऊं

भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद, यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है।

जाऊँ तो कहा जाऊँ

जाऊँ तो कहा जाऊँ इस तंग दिल दुनिया में, हर शख्स मजहब पूछ के आस्तीन चढ़ा लेता है…!

मेरी इन चढ़ी आँखों को

मेरी इन चढ़ी आँखों को ज़रा नम कर दे, ऐ मर्ज़ इस तकलीफ को ज़रा कम कर दे…!!

कुछ लौग ये सोचकर

कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते… कि यै पागल दिवाना फिर कोई शैर न सुना देँ !!

मैंने पूछा एक पल में

मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है, उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया..

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