मुझे नशा है

मुझे नशा है तुझे याद करने का और, ये नशा में सरेआम करता हूँ|

या तो क़ुबूल कर

या तो क़ुबूल कर,मेरी कमज़ोरियों के साथ या छोड़ दे मुझे, मेरी तनहाइयों के साथ|

सिर्फ बेहद चाहने से

सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है… नसीब भी होना चाहिए किसीका प्यार पाने के लिए…

हर वक़्त नया चेहरा

हर वक़्त नया चेहरा, हर वक़्त नया वजूद… आदमी ने आईने को, हैरत में डाल दिया है…

तू छोड़ रहा है

तू छोड़ रहा है तो इसमें तेरी ख़ता क्या हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता !!

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया…. किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था….

तुम रस्म बना रहे थे

तुम रस्म बना रहे थे वो रस्म निभा रहा था यह वक्त बता रहा था वो वक्त बिता रहा था।

हिचकियो के भरम ने

हिचकियो के भरम ने रखा है जिँदा हम आज भी किसी को याद आते है.. याद किया करो हमें,वरना याद किया करोगे !!

मेरी गली मेरे घर में है

जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है। उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।

हर लम्हे को कैद हैं

हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं लेकिन ये सूरज की किरणें हमें आने वाले पल का संकेत देती हैं खुली बाहों से इनका सत्कार करो यही तो जीवन में रंग भरती हैं |

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