इस कदर हम

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए! कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए! आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था! आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!

प्यार मत करना

कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!

सोचता हूँ की

सोचता हूँ की तुझे बताऊँ की क्या हो तुम मेरे लिए… पर फिर सोचता हूँ की बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी…

परेशां हूँ की

परेशां हूँ की परेशानी नही जाती, बचपन तो गया पर नादानी नही जाती…

खींच लेती है

खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत, वर्ना कई बार मिला हूँ उससे आखिरी बार…

पत्थर की प्रतिमा

पत्थर की प्रतिमा के स्वामी, भोग-विलासी जीवन जीते। पर प्रतिमा को गढ़ने वाले, भूँखे-नंगे आँसू पीते।।

सभी के दामन में

सभी के दामन में दाग होते है, ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है… मैंने बिना बाह की कमीज सिलवाई है, सुना है की आस्तीन में सांप होते है..!!!

इतना धीमा कर गया !!

मेरी ना रात कटती है और ना ज़िन्दगी, वो शख्स मेरे वक़्त को इतना धीमा कर गया !!

हर किसी को

हर किसी को नही देता वो हँसाने का हुनर , खुदा नही चाहता ,हर किसी का खुदा होना !

ये मानते है

ये मानते है हम सर झुकाते हैं.. ये जरुरी नहीं तुम ख़ुदा हो जाओ..!!

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