सुना है सभी कर्मो का फल इस जनम में ही मिलता है…. तो फिर तेरी महोब्बत के लिए अगले जनम का इंतजार क्यों |
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ग़लत कहता हैं हर कोई
ग़लत कहता हैं हर कोई कि संगत का असर होता हैं वो बरसों मेरे साथ रही मगर फिर भी बेवफा निकली |
बढ रहे है चाहने वाले
बढ रहे है चाहने वाले मेरे अल्फाज़ों के…., लगता है उस तक बात जरुर पहुँचेगी।
दर्द अब इतना की
दर्द अब इतना की संभलता नही है तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |
चादर की तरह
एक रूह है.. जैसे जाग रही है.. एक उम्र से… । एक जिस्म है.. सो जाता है बिस्तर पर.. चादर की तरह… ।।
फिजूल बिल्कुल नही
अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.
हमें मालूम नहीं था
कभी यूँ भी हुआ है हंसते-हंसते तोड़ दी हमने… हमें मालूम नहीं था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें..!!
सब कुछ है
कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला, जरूरत ही सब कुछ है, महोब्बत कुछ नहीं होती……..॥
मोहब्बत की नहीं थी
मुझ पर इलज़ाम झूठा है …. मोहब्बत की नहीं थी…. हो गयी थी
कमबख्त गुम हो गई
हिचकियों में वफ़ा को ढूँढ रहा था मैं..! कमबख्त गुम हो गई…दो घूँट पानी से .. !!