जब तुम करीब होते हो

जब तुम करीब होते हो तो मदहोश हुए जाते है जब दूर होते हो तो ख्यालों में ग़ुम हुए जाते है…..

सँभल के रहिएगा

सँभल के रहिएगा ग़ुस्से में चल रही है हवा, मिज़ाज गर्म है मौसम बदल रही है हवा…

इरादे बाँधता हूँ

इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँ कहीं ऐसा न हो जाए कहीं वैसा न हो जाए

मेरी गुमशुदगी की

मेरी गुमशुदगी की जब तफ्शीश हुई, मैं बरामद हुआ उनके ख्यालों में…

लहरों की ज़िद पर

लहरों की ज़िद पर क्यों अपनी शक़्ल बदल लेतीं है , दिल जैसा कुछ होता होगा शायद इन चट्टानों में।

सुखे पत्तों की तरह

सुखे पत्तों की तरह बिखरा हुआ था मैं , किसी ने बड़े प्यार से समेटा……. .फिर आग लगा दी !

कभी इतना मत मुस्कुराना

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

लुटा चुका हूँ

लुटा चुका हूँ बहुत कुछ अपनी जिंदगी में यारो मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ|

ठान लिया था

ठान लिया था कि अब और शायरी नही लिखेंगे पर उनका पल्लू गिरा देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे|

मुस्कुरा के चल दिये॥

दिल के टुकड़े टुकड़े करके, मुस्कुरा के चल दिये॥

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